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वैष्णवो की वार्ता
(वैष्णव
११७)श्रीगुसांईजी
के सेवक बीकानेर नरेश कल्याण सिंहजी के पुत्र पृथ्वी सिंह
की वार्ता
(प्रसंग-१)
पृथ्वीसिंह
बहुत अच्छे कवि थे |
उन्होंने
कवित -
सवेया
-
दोहा
-
चौपाई
-
छन्द
आदि अनेक प्रकार की कविताओ
की रचना की |
उन्होंने
रुकमनी वेल और स्यामलता इत्यादि
क बहुत से भाषा के काव्य ग्रन्थ
बनाये |
वे
रात दिन श्रीठाकुरजी की सेवा
करते थे |
उनका
चित्त श्रीठाकुरजी के चरणारविन्दो
में ही रमता था |
उनको
संसार अधिक रूचिकर नहीं था |
वे
अपनी रानी को देखते थे तो उसे
भी नहीं पहचान पाते थे |
उनका
चित्त तो सर्वदा श्रीठाकुरजी
में ही रहता था |
जब
वे परदेश जाते थे तो मानसी
सेवा करते थे |
एक
दिन बीकानेर के उपर शत्रुओ
ने चढ़ाई ककर दी |
तीन
दिन तक लड़ाई हुई |
दुसरे
शत्रु भी दूसरी और से आगए,तो
श्रीठाकुरजी ने तीन दिन तक
लड़ाई की |
किसी
को भी मंदिर में दर्शन ण देकर
राजा का कम चलाया |
मंदिर
के किवाड़ भीतर से बन्द हो गए
किसी से भी नहीं खुले |
चौथे
दिन किवाड़ खुले |
पृथ्वी
सिंह परदेश में मानसी सेवा
कर रहे थे |
उन्हें
वहाँ ज्ञात हो गया कि तीन दिन
तक श्रीठाकुरजी ने दर्शन नहीं
दिये |
पृथ्वी
सिंह के मन में सारा द्रश्य
चित्रित हो गया उन्होंने यह
बात बीकानेर लिखकर भेजी तो
समस्त घटना की सत्यता की अवगति
हुई |
पृथ्वी
सिंह ऐसे कृपा पात्र थे |
(प्रसंग-२)
इसके
पश्चात पृथ्वी सिंह ने वर्ज
में निवास करने का निश्चय किया
तथा वर्ज में ही देह छोड़ने का
निश्चय कर लिया |
यह
बात पृथ्वी सिंह के शत्रुओं
को ज्ञात हो गई |
उन्होंने
दिल्लीपति को सिखाया कि
पृथ्वीसिंह को कही दूर भेज
दिया जाये तो अधिक ठीक रहे |
अत:
दिल्ली
पति ने पृथ्वीसिंह को काबुल
की मुहिम पर भेज दिया |
उन्होंने
वहाँ बहुत मुल्कजीते |
वहाँ
पृथ्वीसिंह का काल (अन्त
समय)
आया
|
पृथ्वीसिंह
ने काल से कहा -
"मैं
तो वर्ज में देह छोडूँगा |काल
उनके सामने से गया |
पृथ्वीसिंह
सांडनी (ऊँटनी
) पर
सवार होकर वहाँ से चले तो दो
दिन में मथुरा आ गए |
मार्ग
में बहुत से नदी -
पर्वत
आए लेकिन पृथ्वी सिंह को कोई
बाधा नहीं हुई |
काबुल
मथुराजी से छ:
(छ:
सौ)
कोस
है |
पृथ्वी
सिंह दो दिन में ही काबुल से
मथुरा आ गए |
यहाँ
आकर उन्होंने श्रीनाथजी के
दर्शन किए |
यमुना
जल का आचमन किया और देह त्याग
दी |
सो
ये पृथ्वीसिंह श्रीगुसांईजी
के ऐसे कृपा पात्र थे जिनको
काल ने भी कोई प्रतिबंध नहीं
किया |
|
जय
श्री कृष्णा |
jay shree krishna
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