Sunday, November 12, 2017

Shri Gusaniji Ke Sevak Gyanchand Ki Varta


२५२ वैष्णवों की वार्ता   
(वैष्णव २५ श्री गुसाँईजी के सेवक ज्ञानचंद की वार्ता

जब ज्ञानचंद की देह थक गयी तो उसने सभी वैष्णवों से कहा - "तुम सब भगवन्नाम ले ओ "| सभी वैष्णव भगवत स्मरण करने लगे, उसी समय ज्ञानचंद की देह छूट गई। उसने नविन देह धारण करके गोकुल में श्री गुसाँईजी के चरणो मे दण्डवत की। श्री गुसाँईजी ने उससे पूछा - "कब आए ?" ज्ञानचंद ने कहा - "अभी अभी आया हु। " इतने में ही श्री नवनीतप्रियजी के दर्शन खुले। दर्शन करके ज्ञानचंद लीला में प्रवेश कर गए। श्रीगुसांईजी बहार पधारे। वैष्णवों ने पूछा - " ज्ञानचंद कहाँ गए ? तब श्री गुसाँईजी ने कहा - "ज्ञानचंद भक्तचंद गए हे। यह सुनकर चाचा हरिवंशजी समाज गए की ज्ञानचंद की देह छूट गई हे। वे भगवल्लीला में लीन हो गए हे। चाचाजी ने सभी वैष्णवों से कहा -"ज्ञानचंद ऐसे कृपा पात्र थे जो सभी के देखते देखते वैष्णवों का विश्वास जाग्रत करने के लिए भगवल्लीलामें प्रवेश किया है।
                                                             | जय श्री कृष्ण |
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