Friday, November 17, 2017

Shri Gusaniji Ke Sevak DwarikaDas Ki Varta


२५२ वैष्णवों की वार्ता   
(वैष्णव १३७ श्री गुसांईजीके सेवक द्वारकादास की वार्ता



द्वारिकादास हथियार बांधकर सिलगावँ में रहते थे। वे श्री गोवर्धन नाथजी के दर्शन करने आते थे तो उनकी देह की दहसा भूल जाते थे। दूसरे मनुष्य उन्हें मन्दिर के बहार उठाकर लेट थे। श्री गुसाँईजी भी सेवा से बहार पधार कर द्वारिकादास को आवाज लगते तो उनको देह की सुधि अति थि। जब भी वे दर्शन के लिए एते थे , उनकी यही गति होती थी। वे नित्यप्रति श्रीनाथजी के स्वरुप में छके रहते थे। वह द्वारिकादास श्री गुसाईंजी के ऐसे कृपा पात्र थे। 
                                                        | जय श्री कृष्ण |
  • Blogger Comments
  • Facebook Comments

0 comments:

Post a Comment

Item Reviewed: Shri Gusaniji Ke Sevak DwarikaDas Ki Varta Rating: 5 Reviewed By: Unknown
Scroll to Top