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वैष्णवों की वार्ता
(वैष्णव
८८)श्रीगुसांईजी
के सेवक एक व्रजवासी की वार्ता(
जो
रावल में रहते थे)
एक
व्रजवासी भक्त रावल में गाय
चराता था|
एक
दिन उसने श्रीगोकुल में जाकर
श्रीगुसांईजी से प्राथना
की-"
महाराज,
मुझे
अपनी शरण में ले लो|"
श्रीगुसांईजी
ने कृपा करके उसे नाम निवेदन
कराया|
एक
दिन जब वह गाय चराने गया तो
उसने देखा,
चिन्ता
हरण घाट पर अबीर,
गुलाल,
चोवा,
चंदन,
केसर,
गोरोचन,
मृगद,
जरवकदर्भ,
धनसार,जवाद,
शाख,
आदि
सुगंधित द्रव्यों की वर्षा
हो रही थी|
उसने
सब द्रव्यों में से थोड़ा थोड़ा
पदार्थ लेकर पृथक पृथक गाँठ
बाँध कर श्रीगोकुल में ले जाकर
श्रीगुसांईजी को दिखाया|
श्रीगुसांईजी
ने कृपा करके सबको देखा|
श्रीगुसांईजी
ने उसने पूछा-"
यह
कहाँ से लाए हो"?
उसने
सारा वृतान्त सुना दिया|
श्रीगुसांईजी
उसके साथ चिन्ताहरण घाट पर
गए तो उसने उन स्थानो को दिखाया,
जहाँ
पर उन पदार्थो की वर्षा हुई
थी|
श्रीगुसांईजी
ने निश्चय कर लिया कि श्रीठाकुरजी
होली खेलते हुए यहाँ से आगे
पधारे है|
श्रीगुसांईजी
आगे पधारे तो उन्होंने श्रीठाकुरजी
को होली खेलते हुए देखा|
उनके
साथ व्रजभक्तो के अनेक यूथ
है|
श्रीगुसांईजी
दूर खड़े हो गए तो श्रीठाकुरजी
उनका हाथ पकड़कर भीतर ले गए|
उनको
अपने साथ होली खिलाए|
वह
व्रजवासी दूर से ही देखता रहा|
जब
श्रीगुसांईजी होली खेलकर
पधारे तो व्रजवासी ने पूछा-"
महाराज
ये कौन थे?"
ये
हजारो?
स्त्रियां
कहाँ से आई थी|
मुझे
कुछ भी समझ में नहीं आ रहा|"
श्रीगुसांईजी
ने उस व्रजबासी को दिव्य नेत्र
दिये|
उसको
श्रीठाकुरजी की समस्त लीला
के दर्शन होने लगे|
दो
घडी तक व्रजवासी को दर्शन हुए|
इसके
पश्चात उस व्रजवासी को लेकर
श्रीगुसांईजी श्रीगोकुल में
पधारे|
सो
वह व्रजवासी श्रीगुसांईजी
का ऐसा कृपा पात्र था जिसको
इसी देह में श्रीभगवल्लीला
के दर्शन हुए|
।जय
श्री कृष्ण।
Shree ji baba ki Jay. Yamuna maharani ki Jay. Mahaprabhuji ki Jay.Gosainji param dayal ki jay.Gurudev ji ki jay.
ReplyDeleteShree ji baba ki Jay. Yamuna maharani ki Jay. Mahaprabhuji ki Jay.Gosainji param dayal ki jay.Gurudev ji ki jay.
ReplyDeletethank you so much for shring this post.
ReplyDeletebahut achi lga k aap jese log bhi hai aj b hamare mahapurush or sant huye hai unk bare me logo ko btabte hai.
or ye hona bhi chahiye kyunki apni bhoomi rishi muniyo or aise hi sant logo ki hai,, thank you so much again.
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