Monday, August 3, 2015

Shri Gusaiji Ke Sevak Mahidharji Aur Phulbai Ki Varta


२५२ वैष्णवों की वार्ता
(वैष्णव ५२)श्रीगुसांईजी के सेवक महीधरजी और फूल बाई की वार्ता 

महीधरजी क्षत्रिय अलियाणा गाँव में रहते थे और फूलबाई उनकी बहिन थी । ये नरसिंह जोशी के यजमान थे और जो नरहर जोशी के सत्संग से ही महीधर वैष्णव हुए थे । एक दिन अलियाणा गाँव में आग लग गई । उस समय नरसिंह जोशी खेरालु गाँव में थे । उन्होंने वहाँ से ही अलियाणा गाँव की आग को बैठे-बैठे ही बुझा दिया यह बात जगन्नाथ जोशी की वार्ता में लिखी हुई है । महीधर सरकार के कामदार बन गए । उन्होंने श्रीगुसांईजी की गाँव में पधरावनी की । श्रीगुसांईजी उनके घर बहुत दिन तक बिराजे रहे । श्रीगुसांईजी जब जब भाईला कोठारी के यहाँ आते थे, तो वे महीधरजी के घर अवश्य पधारते थे । महीधरजी का चित भी श्रीगुसांईजी के बिना कही भी नहीं लगता था । अभी तक श्रीगुसांईजी की बैठक के रूप में अलियाणा गाँव प्रसिद्ध है । अलियाणा गाँव की बैठक में अभी तक श्रीगुसांईजी के दर्शन होते है । जिस दिन महीधरजी को श्रीगुसांईजी के दर्शन नही होते थे उनके पेट में दर्द होने लग जाता था । इसीलिए श्रीगुसांईजी एकान्त में प्रकट होकर महीधरजी को प्रतिदिन दर्शन दिया करते थे| महीधरजी श्रीगुसांईजी के ऐसे कृपा पात्र थे|

।जय श्री कृष्ण।


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1 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रेरणादायक वार्ताओं के पढने और सुनने से अद्भुत आनंद की अनुभूति होती है । जिसका वर्णन करना मेरे सामर्थ्य से बाहर है। जय श्री कृष्णा ।।

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