२५२ वैष्णवों की वार्ता
( वैष्णव २१० ) श्री गुसांईजी के सेवक महिधरजी और फूल बाई की वार्ता
महिधरजी क्षत्रिय आलियााणा गाँव में रहते थे और फूलबाई उनकी बहिन थी। ये नरसिंह जोशी के यजमान थे और जो नरहर जोशी के सत्संग से ही महीधर वैष्णव हुए थे। एक दिन आलियाना गाँव में आग लग गई। उस समय नरसिंह जोशी खेरालु गांव में थे। उन्होंने वँहा से ही आलियाना गाँव की आग को बैठे बैठे ही बजा दिया। यह बात जगन्ननाथ जोशी की वार्ता में लिखी हुई है। महीधर सरकार कामदार बन गए। उन्होंने श्री गुसांईजी की गाँव में पधरावनी की। श्रीगुसांईजी उनके घर बहुत दिन तक बिराजे रहे। श्री गुसाँईजी जब जब भइला कोठरी के यँहा आते थे , तो वे महिधरजी के घर अवश्य पधारते थे। महिधरजी का चित्त भी श्री गुसाँईजी के बिना कंही भी नहीं लगता था। अभी तक श्रीगुसांईजी की बैठक के रूप में आलियाना गांव प्रसिद्ध है। आलियाना गांव की बैठक में अभी तक श्रीगुसांईजी के दर्शन होते है / जिस दिन महिधरजी को श्री गुसाईंजी के दर्शन नहीं होते थे उनको पेट में दर्द होने लग जाता था।इसलिये श्रीगुसांईजी एकांत में प्रकट होकर महिधरजी को प्रतिदिन दर्शन दिया करते थे। महिधरजी श्रीगुसांईजी के ऐसे कृपा पात्र थे।
|| जय श्री कृष्ण ||
|| जय श्री कृष्ण ||
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